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मंगलवार, 11 दिसंबर 2012

तुम हो साथी

तुम हो साथी!
तो सहज है जीवन,
सहज है मुसकुराना।

तुम्हारा होना,
तुम्हारे होने का अहसास,
सहज ही बल देता है जीवन को;
चुनौती देता है
मेरी तकलीफों को।
तुम्हारे होने का अहसास,
अनायास पोंछ देता है 
मेरी आँखों के आँसू । 

तुम होते नहीं हो 
दरअसल,
तुम्हारा होना होता है
फिर भी मेरे ज़हन में। 
पूरी शिद्दत के साथ 
होते हो तुम 
मेरे लिए। 

जीवन को अर्थ 
देते हो तुम,
और मेरा जीना 
होता है तुम्हारे लिए। 

Ⓒ तनया ताशा 

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