माँग लो आकाश सारा,
पूरी धरती माँग लो,
सृष्टि का कण-कण तुम्हारा,
जिस घड़ी तुम ठान लो।
माँग लेना तुम किनारा,
मझधार से लेकिन न डरना
जूझना तब तक कि जब तक
बन न जाओ खुद सहारा।
मुश्किलों की राह में भी
जो अडिग रह पाओ पथ पर
देखना तुमको मिलेगा
धैर्य का वरदान भर-भर।
जब कभी पथ से भ्रमित हो
लक्ष्य से छूटे निशाना,
याद करना आज का दिन
और ऐसे सैकड़ों दिन,
सीखा हुआ सब याद करना,
साधना तुम तब निशाना।
एक दिन ब्रह्मांड के
सारे रहस्य जान लोगे,
जिस दिशा में तुम बढ़ोगे,
उस दिशा को जीत लोगे,
मुट्ठियों में भींच लेना,
प्राप्य है सब सुख तुम्हारा।
मान लो कि हैं अंधेरे
और चतुर्दिक भय के घेरे,
आत्मबल से जीत लेना
ढूँढना अपने सवेरे।
सामने जब हो अनिश्चित,
अज्ञात की चिंता से धूमिल
मन तुम्हारा डगमगाए,
याद करना आज का दिन
और ऐसे सैकड़ों दिन
सीखा हुआ सब याद करना,
हल मिलेगा तुमको निश्चित।
याद रखना,
आगे तुम जितना बढ़ोगे,
ऊँचा तुम जितना उड़ोगे,
उपलब्धियों से दंभ होगा,
प्राप्तियों का मान होगा,
इसलिए अपनी जड़ों को
धरती में मज़बूत रखना।
दुनिया तुम्हें भरमायेगी,
हर घड़ी ललचायेगी,
तुम विनय और शील से
जीत लेना सब प्रलोभन।
याद करना आज का दिन,
और ऐसे सैकड़ों दिन
सीखा हुआ सब याद करना,
और निरंतर बढ़ते जाना।
याद करना आज का दिन,
और ऐसे सैकड़ों दिन।
Ⓒ तनया ताशा
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