अपने ही घर में भटकने वाले, मुझको बंजारा कहते हैं!
जिन्हें नींद नहीं आती रातों में, वे मुझे आवारा कहते हैं!
जिन्हें नींद नहीं आती रातों में, वे मुझे आवारा कहते हैं!
औरों के शर्त पे जीने वाले, मुझको बेचारा कहते हैं!
जिनके दिल रोशनदान नहीं, वे मुझे अँधेरा कहते हैं!
जिनके दिल रोशनदान नहीं, वे मुझे अँधेरा कहते हैं!
© तनया
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