अनसुनी की गई बात
अक्सर आह-भरी
दिल की बात होती है,
कहनेवाले को बेहद
अज़ीज़ होती है
अनसुनी की गई बात;
होती है दिन भर की बीती और
थकान से मुक्ति का ज़रिया।
अनसुनी की गई बात
अक्सर आरंभ के
पहले हो चुका अंत होती है,
गहरे संकोच की पहली
हिम्मत होती है
अनसुनी की गई बात;
या होती है कुछ जोड़े रखने की
किसी की आखरी कोशिश।
अनसुनी की गई बात
कहे जाने के बावजूद
अनकही रह जाती है!
अनकही रह गई बातों को
चुप्पियों में सी दिया जाता है।
सुने जाने की राहत के बिना ही
जीवन जी लिया जाता है।
Ⓒतनया ताशा
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