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शनिवार, 27 नवंबर 2021

तुम्हें लगा


तुम्हें लगा, तुम
छोड़ गए हो,
हम दोनों को 
तोड़ गए हो।
सच तो यह है,
बहुत समय से 
साथ तुम्हारे
मैंने खुदको
खोते देखा था,
दूर कहीं
थोड़ा-थोड़ा
जाते देखा था।

तुम्हें लगा, तुम 
रूठ गए थे,
भीतर-भीतर 
टूट रहे थे।
सच तो यह है,
बहुत समय से,
तुमसे नाता
टूट रहा था,
साथ हमारा 
छूट रहा था,
मेरे रूठे-टूटे सपने 
जगह-जगह पर 
बिखर रहे थे। 

मैं आज भी 
खुद को
ढूँढ रही हूँ ,
रूठे सपने 
मना रही हूँ,
बिखरे टुकड़े 
चुन रही हूँ,
जोड़ रही हूँ।

© तनया ताशा











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