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शुक्रवार, 19 नवंबर 2021

प्रेमी - मन

सुनो, तुम्हारे भीतर जो 
प्रेमी बसता है,
उसे कभी न मरने देना।
जीवन झंझावातों से 
होकर गुज़रेगा।
उनसे लड़कर,
इच्छाओं की बलि चढ़ाकर 
हँस लेते हो,
प्रेमी-मन को कभी-कभी 
हँस लेने देना।
© तनया ताशा  



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